Swayam Sahayata Samuh Ko Meesho Sikhayegi E-Commers Ke Gun
Swayam Sahayata Samuh Ko Meesho Sikhayegi E-Commers Ke Gun: महिला स्वयं सहायता समूह! की महिलाओं के लिए एक काफी बड़ी Good News सामने निकल कर के आ रही है! आपको बता दें अब स्वयं सहायता समूह की महिलायें! अपने उत्पादों को ऑनलाइन भी बेच सकेंगी! E-Commers के जगत में Indian Company Meesho अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं! को उनके प्रोडक्ट्स बेचने का मौका दे रही है! साथ ही उन को E-Commers के गुण भी सिखाएगी! पहले तो कुछ स्वयं सहायता समूहों को मौका दिया जायेगा! और फिर आवश्यकता के अनुसार और भी स्वयं सहायता समूहों को सर्विस देने का मौका दिया जायेगा!
आपको बता दें की Jammu Kashmir ग्रामीण आजीविका मिशन! उम्मीद के बीच ज्ञापन पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में! हस्ताक्षर हुए! MOU के हिसाब से Meesho Starting में JKRLM से रिलेटेड 1800 महिला स्वयं सहायता समूहों को! E-Commers से Related सेवाएँ Online बिक्री मंच प्रदान करेगा!
राज्यपाल मनोज सिन्हा जी के द्वारा बताया गया! की यह भागीदारी गांव की महिला उधमियों को वित्तीय self reliance
प्रदान करने के साथ साथ! उन्हें तमाम प्रकार की आर्थिक व कारोबारी गतिविधियों में पहुँच बनाने का मौका देगा!
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Meesho will teach the guns of e-commerce to self-help groups
ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और E-Commers की Company Meesho के साथ यह समझौता किया गया! की स्थानीय स्व्त्यम सहायता समूहों को अपना कारोबार बढाने के लिए! और उन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और जम्मू कश्मीर में में उपलब्ध विशिष्ट! दुनियाभर के consumers तक पहुचाने की दशा में एक Big Step है! उन्होंने बताया शाल और कालीन से ले कर! के फूलकारी तक, जम्मू कश्मीर की विशिष्ट लोककला और हस्तक्षेप की दुनिया में विशिष्ट विशेष पहचान है! मीशों के की मदद से हमारे देश की महिलाओं को अपने प्रोडक्ट बेचने का दुनिया भर में मौका मिलेगा! लोग उन के उत्पादों को पहचानेंगे भी और साथ ही उनके आय का श्रोत तो बढेगा ही!
JKRLM और मीशों का समझौता ग्रामीण क्षेत्रों में! उद्यमशीलता के विकास और ग्रामीण महिलाओं की जिन्दगी में एक बड़े बदलाव का जरिया बनेगा! उन्होंने महिला उधमियों के सशक्तिकरण विकास और कल्याण के लिए! प्रदेश सरकार के द्वारा किये जा रहे तमाम कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया की! दो सालों के दौरान हमने जम्मू कश्मीर के गांवों को बदलने की कोशिश की है! आप को बता दें की अभी 64 हजार स्वयं सहायता समूहों में 5.5 लाख महिलाओं को शामिल किया गया है!